आखिरकार रसगुल्ले की जंग में पश्चिम बंगाल को जीत मिली है। पश्चिम बंगाल को जीआई टैग यानि जियोग्राफिकल इंडिकेशन मिल गया है। पश्चिम बंगाल को रसगुल्ले का जन्मस्थल मान लिया गया है।
इससे पहले ओडिशा का दावा था कि रसगुल्ला बनाने की विधि वहां से पश्चिम बंगाल पहुंची थी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस जीत पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि ये पूरे राज्य के लिए खुशी और गौरव की बात है। दरअसल, पिछले काफी वक्त से पश्चिम बंगाल और ओडिशा इस जीआई टैग के लिए आपस में भिड़े हुए थे।
वहीं ओडिशा का दावा है कि रसगुल्ला का जन्म पुरी के जगन्नाथ मंदिर में हुआ था। इस कहानी के मुताबिक, रथयात्रा के बाद जब भगवान जगन्नाथ वापस लौटे तो दरवाजा बंद पाया क्योंकि देवी लक्ष्मी उनसे नाराज थीं। उनकी नाराजगी इस वजह से थी कि जगन्नाथ उन्हें अपने साथ नहीं ले गए थे। रूठी देवी को मनाने के लिए जगन्नाथ उन्हें रसगुल्ला पेश करते हैं और देवी मान जाती हैं।
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