भारत के सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के मोरबी में हुई दुर्घटना को भारी त्रासदी कहा है।
सोमवार, 21 नवम्बर 2022 को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने अपने आदेश में कहा, ''यह एक बहुत बड़ी त्रासदी है और इसके लिए एक साप्ताहिक निगरानी की आवश्यकता है ताकि जिस पार्टी को कॉन्ट्रैक्ट मिला और जो दोषी हैं उनकी ज़िम्मेदारी तय करते हुए मामला आगे बढ़े। गुजरात हाईकोर्ट ने खुद ही सुओ मोटो ले लिया है वरना हम ये नोटिस जारी करते।''
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले पर हाई कोर्ट को नियमित निगरानी रखनी होगी। सोमवार, 21 नवम्बर 2022 को सुप्रीम कोर्ट मोरबी हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों की ओर से दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
इस याचिका की पैरवी करने वाले अधिवक्ता विशाल तिवारी की मांग थी कि मामले की जांच एक न्यायिक समिति करे जिसकी निगरानी का काम एक रिटायर्ड जज के हाथों में हो।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मरने वालों के परिजनों को मुआवज़ा मिले इस पहलू का भी ध्यान रखना होगा।
30 अक्टूबर 2022 को गुजरात के मोरबी में एक सस्पेंशन ब्रिज के गिरने से 132 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में ब्रिज की मरम्मत का ठेका ओरेवा ग्रुप को दिया गया था।
हादसे के बाद यह बात सामने आयी कि इस पूल को प्रशासन की अनुमति बिना ही दोबारा आम लोगों के लिए खोल दिया गया था।
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