500 और 1000 के पुराने नोट बंद करने के केन्द्र सरकार के फैसले पर पहली बार भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि नोटबंदी से जहां कालाधन और भष्ट्राचार के खिलाफ कार्रवाई हो रही है वहीं इससे अर्थव्यवस्था में अस्थायी रूप से कुछ नरमी आ सकती है।
मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यपालों और उपराज्यपालों को संबोधित करते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद आर्थिक मंदी के कारण गरीबों को होने वाली अपरिहार्य परेशानियों को दूर करने के लिए अतिरिक्त ध्यान दिया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि गरीबी उन्मूलन के लिए अधिकार की सोच से उद्यमशीलता की ओर बढ़ने पर जोर देने का वह स्वागत करते हैं, लेकिन उन्हें पता नहीं कि क्या गरीब लोग इतना इंतजार कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, उन्हें तत्काल मदद की जरूरत है ताकि वे भूख, बेरोजगारी और उत्पीड़न से मुक्त भविष्य की ओर राष्ट्रीय अभियान में सक्रियता से भाग ले सकते हैं।
गौरतलब है कि 30 दिसंबर तक पुराने नोट किसी भी बैंक में जमा करने की सुविधा थी और उसके बाद यह पुराने नोट सिर्फ रिजर्व बैंक में बदले जाने की बात भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने कही थी। लेकिन इसके लिए मोदी सरकार की कुछ विशेष शर्ते हैं जिसे हर कोई पूरा नहीं करता।
इससे लोगों के पुराने नोट रिज़र्व बैंक में बदले नहीं जा रहे। दिल्ली में रिज़र्व बैंक के सामने कल एक महिला ने रिज़र्व बैंक द्वारा पुराने नोट नहीं बदले जाने और पुलिस के द्वारा प्रताड़ित किये जाने के बाद पूरी तरह से नंगी होकर रिज़र्व बैंक के इस कदम के खिलाफ विरोध दर्ज किया। इससे नोट बंदी पर 100 से ज्यादा लोगों की मौत, 50 से ज्यादा दिनों से भारत के लोगों को हो रही अत्यधिक परेशानी और अब एक महिला का नंगी होकर नोट बंदी के खिलाफ प्रदर्शन शर्मसार कर देने वाली घटनाएं हैं।
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