असम में नागरिकता दावों को लेकर भारत के सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ग्राम पंचायत सचिव द्वारा जारी प्रमाण पत्र नागरिकता के सबूत हैं।
भारत में सुप्रीम कोर्ट ने असम नागरिकता दावों के बारे में कहा है कि पंचायत सचिव और कार्यकारी मैजिस्ट्रेट द्वारा जारी प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल किया जा सकता है बशर्ते कि वे समुचित जांच के बाद जारी किए गए हों।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की एक पीठ ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें उसने नागरिकता का दावा करने के लिये इन प्रमाण पत्रों को अमान्य बताया था।
सुप्रीम कोर्ट के पीठ ने यह भी कहा कि ग्राम पंचायत सचिव द्वारा जारी प्रमाण पत्र नागरिकता के सबूत हैं बशर्ते उनके पास उनके परिवार की पीढ़ियों का विवरण हो।
सुप्रीम कोर्ट गुवाहाटी उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था।
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