विडियो कॉलिंग के लिए भारत में लॉन्च हुआ स्काइप लाइट एप

 22 Feb 2017 ( न्यूज़ ब्यूरो )
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भारत में भले ही 3जी 4जी जैसी फास्ट इंटरनेट सर्विस दस्तक दे चुकी हों लेकिन इंटरनेट की धीमी रफ्तार आज भी युवाओं की परेशान की सबसे बड़ी वजह बनी हुई है। शायद इसी वजह से भारत में विडियो कॉलिंग का चलन उतनी तेजी से प्रगति नहीं कर पाया जितने की उम्मीद की जाती है।

भारत में विडियो कॉलिंग के ग्राफ को उठाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने अपने एप स्काइप का लाइट वर्जन पेश किया है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

माइक्रोसॉफ्ट की सीईओ सत्या नडेला ने 'फ्यूचर डिकोडिड' कॉन्फ्रेंस में स्काइप लाइट पेश करने का ऐलान किया है। माइक्रोसॉफ्ट ने भारत की धीमी इंटरनेट रफ्तार को ध्यान में रखते हुए नए स्काइप लाइट एप को डिजाइन किया है। इससे पहले स्काइप पर विडियो कॉल करने के लिए तेज मोबाइल इंटरनेट की जरूरत पड़ती थी जिसके लिए यूजर को ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ते थे, लेकिन स्काइप के लाइट वर्जन पर यूजर कम खर्च में ज्यादा सेवा का लाभ उठा सकेंगे।

हैदराबाद सेंटर में डेवलप हुए स्काइप लाइट कम इंटरनेट स्पीड पर भी काम करने में सक्षम होगा। माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला का कहना है कि 13 एमबी साइज का यह एप्लीकेशन न सिर्फ फोन की इंटरनल स्टोरेज में कम जगह लेता है बल्कि यह 'लो बैंडविड्थ' वाली 2जी और 3जी सर्विस पर भी आसानी से विडियो कॉल करने की सुविधा देता है। इसकी सेटिंग्स में एक नया विकल्प होगा जिसके जरिए यूजर ये जान सकेंगे कि एप ने कितना मोबाइल या वाई-फाई डाटा खर्च किया है। धीमी इंटरनेट गति की वजह से स्काइप पर विडियो क्वालिटी का स्तर थोड़ा कम हो सकता है।

इसके अलावा स्काइप लाइट में चैटबोट भी शामिल किया जाएगा। चैटबोट के जरिए यूजर टेक्स्ट मैसेज का ऑटो रिप्लाई कर सकेंगे। ऑटो रिप्लाई करने के लिए जवाब को मैनुअली सेट करने की सुविधा दी जाएगी।

स्काइप के सामान्य एप की तरह स्काइप लाइट पर भी यूजर कई प्रकार के इमोजी और स्टीकर का इस्तेमाल समान रूप से कर पाएंगे। स्काइप पर अगर आप किसी को इमेज भेजते हैं तो यह उसका साइज कम्प्रेस करके कम डाटा खर्च करने में मददगार होगा।

स्काइप के नए लाइट वर्जन को आधार कार्ड से भी जोड़ा गया है। इसमें चैट के दौरान ई-केवाईसी के जरिए यूजर का वेरिफिकेशन किया जा सकता है। मिसाल के तौर पर यदि यूजर किसी अजनबी से स्काइप लाइट पर बात कर रहा है तो वह उसके आधार की यूनिक आईडी, जन्म और असली नाम जान सकेंगे। सिक्योरिटी और प्राइवेसी के लिहाज से इसे बेहद खास माना जा रहा है। हालांकि चैट के बाद आधार की डिटेल खुद-ब-खुद डिलीट हो जाएगी। नौकरी के लिए ऑनलाइन इंटरव्यू में भी यह खासा मददगार साबित होगा।

मैसेज सेक्शन में यूजर को स्काइप मैसेज, एसएमएस और प्रमोशनल मैसेज के तीन नए कॉलम दिखाई देंगे यानी इसमें आपके एसएमएस भी इंटीग्रेट होंगे।

स्काइप को 14 साल पहले कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के रूप में डिजाइन किया गया था, लेकिन मौजूदा समय में भारत के स्मार्टफोन यूजर की संख्या डेस्कटॉप यूजर से कहीं ज्यादा अधिक है। इसलिए कंपनी ने स्काइप का लेटेस्ट लाइट वर्जन इंटरनेट स्पीड को ध्यान में रखते हुए तैयार किया है।

स्काइप पर विडियो कॉल के लिए ज्यादा डाटा की खपत ही यूजर की सबसे बड़ी परेशानी है। शायद इसी वजह से यूजर स्काइप की बजाय व्हॉट्सएप या आईएमओ पर विडियो कॉल करना ज्यादा पसंद करते है।

व्हॉट्सएप पर यूजर जहां विडियो कॉल, वॉयस कॉल और टैक्स्ट चैटिंग का आनंद ले सकते हैं, वहीं आईएमओ धीमी गति की इंटरनेट पर विडियो कॉल करने के लिए काफी सुविधाजनक है।

आईएमओ पर 2जी नेटवर्क का इस्तेमाल करने वाले यूजर भी विडियो कॉल कर सकते हैं। गूगल प्लेस्टोर पर मुफ्त में उपलब्ध इस एप को 4.2 रेटिंग दी गई है और इसे अब तक करीब 10 करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है।

 

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