प्रकाश पर्व और मोदी-नीतीश की 'जुगलबंदी'

 04 Jan 2017 ( परवेज़ अनवर, एमडी & सीईओ, आईबीटीएन ग्रुप )
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गुरु गोविंद सिंह के 350वें प्रकाशोत्सव पर पटना साहिब की सरजमीं पर भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार एक साथ मौजूद थे। भाषण में दोनों ने एक-दूसरे की जमकर तारीफ की। ऐसा लग रहा था मुंह से फूल बरस रहे हों। लुधियाना की जमीन से उठी कड़वाहट पटना की जमीन पर मिठास में बदलती नजर आ रही थी।

भारत की राजनीति के दो पुरोधा एक-दूसरे की तारीफों में कसीदे पढ़ रहे थे। नीतीश कुमार ने भाषण शुरू किया, शराबबंदी पर मोदी के कामों की जमकर तारीफ की, नीतीश ने कहा, जब मोदी जी गुजरात के सीएम थे, तभी उन्होंने सबसे पहले शराबबंदी सख्ती से लागू किया था।

यह कोई पहला मौका नहीं है इससे पहले नीतीश कुमार पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले की जमकर सराहना कर चुके हैं। आज इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा, नीतीश जी ने शराबबंदी का फैसला लेकर ऐसा काम करने की हिम्मत दिखाई है जिसे करने से पहले कई लोग डर जाते हैं। नशामुक्ति के लिए जिस प्रकार उन्होंने अभियान चलाया है मैं नीतीश जी का अभिनंदन करता हूं। उन्होंने आने वाली पीढ़ियों को बनाने का बीड़ा उठाया है। मैं पूरे बिहार के लोगों से गुजारिश करता हूं कि शराबबंदी में नीतीश जी का सहयोग दें। यह अकेले नीतीश जी या फिर बिहार सरकार का काम नहीं है। शराबबंदी के बाद बिहार और तेजी से आगे बढ़ेगा और देश की तरक्की में बढ़-चढ़कर अपना योगदान देगा। बाकी राज्य अब बिहार से सीखेंगे।

इसके साथ ही पीएम मोदी ने पटना साहिब में प्रकाशोत्सव के इंतजामों की जमकर सरहाना करते हुए कहा कि मैं नीतीश सरकार, उनके साथियों और बिहार के लोगों को बधाई देता हूं कि यहां के लिए प्रकाश पर्व खास अहमियत रखता है। नीतीश जी ने स्वयं गांधी मैदान आकर हर चीज की बारीकी से जांच-परख कर भव्य समारोह की योजना तैयार की है। आइए जानते हैं प्रकाश पर्व और मोदी-नीतीश की 'जुगलबंदी'- दोनों ने जमकर की एक-दूसरे को तारीफ, तारीफ की तो मायने निकलेंगे ही-

पीएम मोदी और नीतीश कुमार की नजदीकियों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। वैसे तो अटकलों का बाजार 9 नवंबर को ही गर्म हो गया था जब जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के नोटबंदी की तारीफ की थी।

नीतीश कुमार ने बयान दिया था कि शुरुआत में नोटबंदी से लोगों को थोड़ी असुविधा होगी, लेकिन हर चीज को ध्यान में रखते हुए यह फैसला सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। जहां पूरा विपक्ष और कुछ सहयोगी भी पीएम मोदी के इस कदम की आलोचना कर रहे थे, वहीं नीतीश कुमार पीएम मोदी की तारीफ में कसीदे पड़ रहे थे।

बिहार की राजधानी पटना की सड़कें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पोस्टर से भरी पड़ी हैं। दोनों नेताओं की तस्वीर एक ही पोस्टर में लगाई गई है। इन पोस्टर्स में दोनों नेताओं को विकास पुरुष बताया गया है।

सितम्बर 23, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक और आरएसएस के वरिष्ठ नेता दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी मनाने के लिए बनाई दो समितियों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जगह दी है।

मोहम्मद शहाबुद्दीन की जमानत के बाद से नीतीश के सहयोगी आरजेडी के कुछ नेताओं के तीखे बयानों ने जेडीयू को बेचैन कर रखा है। नीतीश सरकार के एक अन्य सहयोगी दल कांग्रेस की इस मुद्दे पर अलग राय सामने आई है।

नीतीश ने स्पष्ट रूप से जीएसटी बिल पर सरकार के कदम की सराहना करते हुए उसका समर्थन किया था। पीएम मोदी लगातार अपने भाषणों में नीतीश कुमार का जिक्र करते रहे हैं। नेशनल इंटीग्रेशन काउंसिल की हाल में हुई बैठक में पीएम ने नीतीश का 5 बार जिक्र किया और कहा कि उनके सुझाव अच्छे थे।

नवंबर में यहां तक खबरें आयीं थी कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और सीएम नीतीश कुमार के बीच मुलाकात हुई है। ये खबर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी रहीं। हालांकि इस बारे में किसी ने कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की थी। कहा गया कि कि दोनों नेताओं की मुलाकात एक नवंबर को गुड़गांव के एक फॉर्महाउस में हुई थी। जानकारी के मुताबिक, एक नवंबर को नीतीश कुमार गुड़गांव आए थे। जब इस मुलाकात के बारे में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम सुशील मोदी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

पीएम मोदी और सीएम नीतीश कैसे दोस्त से दुश्मन बने? नीतीश कुमार ने 2002 में गुजरात दंगों की आलोचना नहीं की थी और एनडीए सरकार में बने रहे थे। साल 2003 में उन्होंने नरेंद्र मोदी और गुजरात में हुए विकास कार्यों की प्रशंसा की थी। नीतीश कुमार ने कहा था कि भविष्य में मोदी राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

नवंबर 2005 आते-आते नीतीश कुमार के रूख में परिवर्तन आ गया। बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही उन्होंने राज्‍य में मोदी के प्रचार पर रोक लगा दी। 2009 में दोनों के रिश्तों में तनाव तब आ गया, जब लुधियाना रैली में मोदी ने नीतीश का हाथ उठा दिया।

लुधियाना जनसभा में गुजरात के सीएम मोदी ने एकजुटता दिखाने के लिए नीतीश का हाथ पकड़कर जबरन उठा दिया था। साल 2010 बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश ने कई बार कहा था कि नरेंद्र मोदी के साथ एक मंच पर नहीं आएंगे।

साल 2010 बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान ही नीतीश ने मोदी को प्रचार के लिए बिहार में नहीं आने दिया था। जून 2010 में कोसी नदी में आई बाढ़ के बाद गुजरात सरकार की भेजी मदद की राशि को नीतीश में वापस लौटा दिया।

मई 2012 में नीतीश ने साफ कहा कि अगर मोदी पीएम पद के उम्मीदवार बने तो जदयू एनडीए से नाता तोड़ लेगी। जून 2012 में मोदी ने पलटवार करते हुए कहा कि बिहार शानदार राज्य था, लेकिन वहां के जातिवादी नेताओं ने तबाह कर दिया।

अप्रैल 2013 नरेंद्र मोदी के मुस्लिम टोपी ना पहनने पर नीतीश ने कहा, ''टीका भी लगाना होगा, टोपी भी पहननी होगी''।

16 जून 2013 को बिहार में भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड का 17 साल पुराना गठबंधन खत्म हो गया।

जनवरी 2014 में 12 साल बाद नीतीश कुमार ने गुजरात दंगों को लेकर कहा, ''नरेंद्र मोदी को 2002 के लिए देश कभी माफ नहीं करेगा।''

बिहार चुनाव के दौरान मोदी ने मुज्जफरपुर की रैली में नीतीश पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि उनकेे डीएनए में ही समस्या है। दोनों नेताओं की सियासी कड़वाहट इस हद तक पहुंच गई कि दोनों के विभिन्न मंचों पर हाथ तो मिले, लेकिन दिल नहीं मिले।

 

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