भारत के चीफ़ ऑफ डिफ़ेंस स्टाफ़ (सीडीएस) बिपिन रावत ने एक संसदीय समिति को बताया है कि सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लंबे वक़्त तक चीन का मुक़ाबला करने और सर्दियों के दौरान पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में तैनाती के लिए तैयार है।
भारत में छपने वाले हिंदी दैनिक समाचार पत्र हिंदुस्तान में छपी एक ख़बर के मुताबिक, सीडीएस और शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने संसद की लोक लेखा समिति को एलएसी पर चीन की आक्रामकता के बारे में कहा कि चीन सैनिक अभ्यास की आड़ में भारत की सीमा पर निर्माण कर रहे थे। इसके बाद शिनजियांग में तैनात सैनिक तेज़ी से भारतीय क्षेत्र में घुस आए।
चीन ने करीब 40 हज़ार सैनिकों को इस इलाके के आसपास तैनात किया था। भारत और चीन के बीच कई दौर की बातचीत के बावजूद अभी कुछ जगहों से चीन पूरी तरह हटने को तैयार नहीं है। चीन की कोशिश मामले को लंबा खींचकर दबाव बनाने की है।
हिंदुस्तान ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि सीडीएस ने पैनल को बताया कि स्थिति सामान्य होने में थोड़ा वक्त लग सकता है।
बिपिन रावत ने कहा, ''भारत चीन के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह भी बताया गया है कि दोनों पक्षों के बीच तनाव कम होने में अधिक समय लग सकता है। लेकिन हम हर स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं। लद्दाख में इसके इंतजाम भी कर लिए गए हैं।''
उधर, चीन ने इस मामले में शांति की बात की है।
लद्दाख में एलएसी के पास जारी तनातनी के बीच चीन ने कहा है कि सीमा पर शांति बनाए रखना उनकी प्राथमिकताओं में से एक है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत के साथ रणनीतिक विश्वास को मज़बूत करना चीन की कूटनीतिक प्राथमिकताओं में से एक है।
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