फरवरी 2002 में गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की बोगी जलाने के दो आरोपियों को अहमदाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अभियोजन पक्ष जब ये साबित करने में सफल रहे कि उनकी साजिश के चलते ट्रेन की दो बोगी जलाने के बाद 59 लोगों की मौत हुई, जज एस ची वोहरा ने फारूक भाना और इमरान शेरू को इस केस में दोषी ठहराया।
हालांकि, अदालत ने हुसैन सुलेमान मोहन, कसम भमेड़ी और फारुक धांतिया को बरी कर दिया। पांचों 2015-2016 के दौरान पकड़े गए थे और साबरमती सेंट्रल जेल के अंदर उनका ट्रायल चल रहा था।
सुलेमान मोहन को मध्य प्रदेश के झबुआ से गिरफ्तार किया गया, कसम भमेड़ी को गुजरात के दाहोद रेलवे स्टेशन से, फारुक धान्तिया और फारूक भाना को गुजरात में उनके घर से गिरफ्तार किया गया। जबकि इमरान शेरू को महाराष्ट्र के मालेगांव से गिरफ्तार किया गया। आठ आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं।
इससे पहले, अदालत ने 1 मार्च 2011 को इस केस में 31 लोगों को दोषी ठहराया था। उसके बाद अदालत ने 11 लोगों को फांसी और अन्य 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
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