भारत के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि सरकार चाहे तो तेल की कीमतें 25 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकती हैं। दामों में वृद्धि के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के दाम कम होने से पेट्रोल पर सरकार 15 रुपये प्रति लीटर बचा रही है। इसके बाद भी प्रति लीटर पेट्रोल पर 10 रुपये अतिरिक्त कर लगाया जा रहा है।
भारत में केंद्र सरकार ने ऐसे संकेत दिए हैं कि वह जल्दबाजी में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत का फैसला नहीं करेगी। बल्कि इन स्थितियों से निपटने के लिए दीर्घकालिक समाधान पर चर्चा कर रही है। ऐसे में कीमतों में राहत के लिए इंतजार करना पड़ सकता है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय आई टी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर चर्चा भी हुई और चिंता भी है। सरकार ने तेल की कीमतों का नियंत्रण खत्म किया था, जिसके बाद कई बार दाम कम भी हुए हैं। इस संदर्भ में सरकार में चर्चा चल रही है और दीर्घकालिक समाधान पर विचार किया जा रहा है। चर्चा पूरी होने के बाद जो भी निर्णय होगा, वह बताया जाएगा।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने भी संकेत दिए हैं कि सरकार लोगों को राहत देने के लिए कीमतों की समीक्षा करती है, तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के अध्यक्ष मुकेश कुमार सुराना ने कहा कि आम लोगों को राहत पहुंचाने के लिए दामों की समीक्षा जरूरी है।
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