क्या बेरूत ब्लास्ट को रोका जा सकता था?

 06 Aug 2020 ( परवेज़ अनवर, एमडी & सीईओ, आईबीटीएन ग्रुप )
POSTER

लेबनान की राजधानी बेरूत में राहतकर्मी अब भी धमाके के बाद मलबे में तब्दील इमारतों में बचे हुए लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं। मंगलवार को हुए धमाके में अभी तक कम से कम 135 लोगों की मौत हो गई है और 5000 से ज़्यादा घायल हुए हैं।

लेबनान की राजधानी बेरूत के पोर्ट इलाक़े में स्थानीय समय के अनुसार शाम छह बजे शुरुआती धमाका हुआ। इसके बाद वहाँ आग लगी और छोटे छोटे अन्य धमाके भी हुए। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक़ ऐसा लगा कि पटाख़े चल रहे हों।

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में एक वेयरहाउस से धुआँ निकलता देखा गया। लेकिन इसके बाद जो हुआ, उससे कई लोग अब भी नहीं उबर पाए हैं। एकाएक भयानक विस्फोट, धुएँ का गुबार और जैसे पूरा शहर इसकी चपेट में आ गए। हवा में आग का गोला उठा। इसके साथ एक सुपरसोनिक और मशरूम आकार का एक शॉकवेव उठा, जो पूरे शहर में फैल गया।

दूसरे वाले भयानक विस्फोट के कारण पोर्ट इलाक़े की इमारतें पूरी तरह ध्वस्त हो गईं। साथ ही बेरूत के कई इलाक़ों में भयानक तबाही हुई। बेरूत की आबादी 20 लाख है। धमाके के बाद जल्द ही घायल अस्पताल पहुँचने लगे और धीरे-धीरे अस्पताल भरने लगे।

लेबनान में रेड क्रॉस के प्रमुख जॉर्ज केटानी ने बताया, ''जो हम देख रहे हैं, वो बड़ी तबाही है। हर जगह हताहत हैं।''

बेरूत के गवर्नर मारवन अबूद ने कहा कि क़रीब तीन लाख लोग अस्थायी रूप से बेघर हुए हैं। उनका आकलन था कि इस धमाके से 10-15 अरब डॉलर का कुल नुक़सान हुआ है।

जानकार अभी भी इसका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन धमाके के बाद जिस तरह शॉकवेव उठा था और नौ किलोमीटर दूर बेरूत अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पैसेंजर टर्मिनल में शीशे टूट गए, उससे इसकी तीव्रता का अंदाज़ा होता है।

बेरूत से 200 किलोमीटर दूर साइप्रस तक में धमाके की आवाज़ सुनाई पड़ी। अमरीका में जियोलॉजिकल सर्वे के भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक़ ये धमाका 3.3 तीव्रता के भूकंप जैसा था।

लेबनान के राष्ट्रपति मिशेल आउन का कहना है कि पोर्ट इलाक़े के एक वेयरहाउस में 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट असुरक्षित रूप से रखा हुआ था और धमाके की वजह यही अमोनियम नाइट्रेट है।

2013 में इतनी ही मात्रा में रसायन एक माल्डोवियन कार्गो शिप एमवी रोसूस से बेरूत पोर्ट पहुँचा था। जॉर्जिया से मोज़ाम्बिक़ जाते समय इस जहाज़ में कोई तकनीकी समस्या आ गई थी, जिस कारण इसे बेरूत पोर्ट में रुकना पड़ा था।

उस समय इस जहाज़ का निरीक्षण किया गया और इसे वहाँ से जाने से रोक दिया गया। इसके बाद इसके मालिकों ने इस जहाज़ को छोड़ दिया। इस इंडस्ट्री के एक न्यूज़लेटर Shiparrested.com ने ये जानकारी दी थी। इस जहाज़ के कार्गो को सुरक्षा कारणों से पोर्ट के एक गोदाम में शिफ़्ट कर दिया गया। हालाँकि कहा ये गया कि या तो इसका निपटारा करना चाहिए था या फिर बेच देना चाहिए था।

अमोनियम नाइट्रेट (NH4NO3) एक क्रिस्टल जैसा सफेद ठोस पदार्थ है, जिसे आम तौर पर खेती के लिए उर्वरक में नाइट्रोजन के स्रोत के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसे ईंधन वाले तेल के साथ मिलाकर विस्फोटक भी तैयार किया जाता है, जिसका इस्तेमाल खनन और निर्माण उद्योगों में होता है। चरमपंथियों ने कई बार इसका इस्तेमाल बम बनाने में भी किया है।

जानकारों का कहना है कि अमोनियम नाइट्रेट को अगर ठीक से स्टोर किया जाए, तो ये सुरक्षित रहता है। लेकिन अगर बड़ी मात्रा में ये पदार्थ लंबे समय तक ऐसे ही ज़मीन पर पड़ा रहा, तो धीरे धीरे ख़राब होने लगता है।

लंदन के यूनिवर्सिटी कॉलेज में केमिस्ट्री के प्रोफ़ेसर आंद्रिया सेला कहती हैं कि असली समस्या ये है कि समय के साथ ये धीरे-धीरे नमी को सोखते रहता है और आख़िरकार एक बड़े चट्टान में बदल जाता है। इस कारण ये काफ़ी ख़तरनाक हो जाता है। अगर किसी भी तरह की आग वहाँ तक पहुँचती है, तो इससे होने वाली रासायनिक प्रतिक्रिया बहुत तीव्र होती है।

अमोनियम नाइट्रेट कई बड़े औद्योगिक हादसों से जुड़ा हुआ है। वर्ष 1947 में अमरीका के टेक्सस में 2000 टन रसायन ले जा रहे एक जहाज़ में धमाका हो गया था, जिसमें 581 लोग मारे गए थे।

राष्ट्रपति आउन ने इस धमाके की एक पारदर्शी जाँच का भरोसा दिलाया है।

बुधवार को उन्होंने कहा, ''हम जाँच कराने को लेकर प्रतिबद्ध हैं और जितना जल्द होगा, इस घटना के ईर्द-गिर्द की परिस्थितियों को सामने लाएँगे। इसके लिए जो भी ज़िम्मेदार होंगे और जिन्होंने इसकी अनदेखी की, उन्हें कड़ी सज़ा दी जाएगी।''

प्रधानमंत्री हसन दियाब ने धमाके के पीछे की परिस्थितियों को अस्वीकार्य बताया है।

पोर्ट के जनरल मैनेजर हसन कोरेटेम और लेबनीज़ कस्टम्स के डायरेक्टर जनरल बद्री दाहेर ने कहा है कि उन्होंने अमोनियम नाइट्रेट को स्टोर किए जाने के ख़तरे के प्रति कई बार आगाह किया था, लेकिन उसकी अनदेखी की गई।

दाहेर ने कहा - हमने कहा कि इसे फिर से निर्यात कर दिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हम विशेषज्ञों और संबंधित लोगों पर ये छोड़ते हैं कि वे यह पता करें कि ऐसा क्यों हुआ?

इंटरनेट पर जारी दस्तावेज़ों से ऐसा लगता है कि कस्टम अधिकारियों ने वर्ष 2014 से 2017 के बीच न्यायपालिका को कम से कम छह बार चिट्ठियाँ लिखी थी, ताकि इस बारे में वो दिशा निर्देश दे।

लेबनान की सरकार ने पोर्ट पर स्टोर में रखे अमोनियम नाइट्रेट की निगरानी करने वाले अधिकारियों को जाँच पूरी होने तक घर में नज़रबंद करने का आदेश दिया है।

 

(आईबीटीएन के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)

इस खबर को शेयर करें

शेयरिंग के बारे में

विज्ञापन

https://www.ibtnkhabar.com/

 

https://www.ibtnkhabar.com/

LIVE: Watch TRT WORLD


https://www.ibtnkhabar.com/

https://www.ibtnkhabar.com/

https://www.ibtnkhabar.com/

https://www.ibtnkhabar.com/

https://www.ibtnkhabar.com/