ब्रिटेन में हुई एक स्टडी में पता चला है कि काले और अल्पसंख्यक पृष्ठभूमि के लोगों पर कोरोना वायरस का ख़तरा गोरे लोगों से ज़्यादा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक़, ये लोग प्रमुख वर्कर हो सकते हैं, जो सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करते हैं और मल्टी-जनरेशनल घरों में रहते हैं। ये स्टडी रेस इक्वालिटी थिंक टैंक रनीमेडे टेस्ट्स ने की है।
और अमरीका में की गई न्यू यॉर्क फेडरल रिज़र्व बैंक की एक अन्य स्टडी के मुताबिक़, काले लोगों के कारोबार महामारी में सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं और उनके कारोबार बंद होने की कगार पर हैं।
स्टडी कहती है कि काले लोग इस स्वास्थ्य संकट की दोहरी मार झेल रहे हैं और आर्थिक चुनौतियों से भी जूझ रहे हैं, क्योंकि उन्हें बैंक से कर्ज़ भी आसानी से नहीं मिलता है।
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