अमेठी में जिन जमीनों पर तिनका नहीं उगता था, उनको दूरदर्शी नीतियों और सच्ची नीयत ने अपने मेहनती हाथों से उपजाऊ बनाकर किसानों के जीवन में व्यापक बदलाव कर दिखाया।
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